दिल्ली चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ती हुई ही नजर आ रही है 3 महीने से जुडिशल कस्टडी में फंसे रहने के बाद जब उन्हें दिल्ली कोर्ट ने थर्सडे को राहत की सांस दी और उन्हें बेल ग्रांट कर दी तब मानो आम आदमी पार्टी में खुशी की लहर दौड़ गई शाम को ऑर्डर पास होने के बाद उनके रेजिडेंस के बाहर सेलिब्रेशन का माहौल देखा गया और सिर्फ आम आदमी पार्टी लीडर्स ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट्स जैसे कि कपिल सिबल और इंदिरा जयसिंह ने भी अपने एक्स हैंडल से ट्वीट करते हुए अरविंद केजरीवाल की बेल को जस्टिस की जीत बताया पर कहते हैं ना कि खुशियों को नजर जल्दी लगती है तो ऐसा ही एक एग्जांपल हमें ऑर्डर के अगले दिन ही देखने को मिल गया जब ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट की वेकेशन जज न्याय बिंदु के ऑर्डर को दिल्ली हाई कोर्ट में चैलेंज कर दिया और जिन्होंने उसके ऊपर शुक्रवार को डिटेल में हियरिंग भी की आपको बता दूं कि ट्रायल कोर्ट का ये ऑर्डर जब सामने आया तो बहुत लोगों ने इसे दो अलग तरह से देखा है इस ऑर्डर में जो ट्रायल जज की फाइंडिंग्स और ऑब्जर्वेशन है और खासकर जो लैंग्वेज यूज की गई है उसको लेकर भारी चर्चा दिखाई दे रही है इसीलिए भी क्योंकि पहले इस मैटर पर सुनवाई जज कावेरी बवेजा कर रही थी जिन्होंने अरविंद केजरीवाल की इंटरम बेल डिनायल से पहले हियरिंग करते हुए कावेरी बवेजा ने उन्हीं सब आर्गुमेंट को सुना था जो बाद में वेकेशन जज न्याय बिंदु के सामने रेगुलर बेल हियरिंग में भी सुनाई दिए थे लेकिन फिर भी वेकेशन जज न्याय बिंदु का 26 पेज का ऑर्डर जब फ्राइडे को उपलब्ध करवाया गया तो वह आम आदमी पार्टी के लिए खुशखबरी और लोगों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ 14 पेजेस तक केस के फैक्टस लीगल प्रोविजंस दोनों पार्टीज के आर्गुमेंट और सबमिशंस को नोट करने के बाद 15वें पेज के से जब वेकेशन जज ने अपनी फाइंडिंग्स बताना शुरू की तो उसमें उन्होंने कहा है कि बेल एप्लीकेशन में इतने बल्की डॉक्यूमेंट फाइल किए गए हैं जिसमें से मोस्टली रिलेवेंट भी नहीं थे उन्होंने कहा है कि ये एक ऐसा पेक्युलरली पार्टीज नहीं चाहती कि ऑर्डर किसी दूसरे के फेवर में आए आगे उन्होंने ये कहा है दैट हाउ एवर इट इज नॉट पॉसिबल टू गो थ्रू दीज थाउजेंड्स ऑफ पेजेस ऑफ द डॉक्यूमेंट एट दिस जंक्चर बट दिस इज द ड्यूटी ऑफ द कोर्ट टू वर्क अपऑन द मैटर व्हिच एवर कम्स फॉर कंसीडरेशन एंड पास द ऑर्डर इन अकॉर्डेंस विद द लॉ वेकेशन जज ने अपने ऑर्डर में यह बताया है कि कोर्ट्स कभी-कभी ऐसे सिचुएशन में कुछ रीजंस की वजह से ऑर्डर पास करने से खुद को रिफ्रेड करती है जिसका लॉन्ग लास्टिंग इफेक्ट रहता है लेकिन रिसेंटली सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने ट्रायल कोर्ट जजेस को बेल देने के लिए प्रेरित किया है सुप्रीम कोर्ट के यह कहने पर कि दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल समाज के लिए कोई खतरा नहीं है जब इंटरम बेल दी गई थी और यह पाया गया कि इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट अब तक दोष साबित नहीं कर पाई है यह तीन मुख्य कारण हैं जिसकी वजह से दिल्ली कोर्ट ने थर्सडे को केजरीवाल को बेल द है ऑर्डर में लिखा है बट इन द रिसेंट पास्ट नरेल सुप्रीम कोर्ट एंड नरेल चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया हैज बीन इनकरेजिंग द ट्रायल कोर्ट्स टू टेक अप द सच मैटर्स एंड डिसाइड द सेम रिसेंटली ऑल सीबीआई डे सेलिब्रेशन नरेल चीफ जस्टिस वाइल एड्रेस द गैदरिंग एंड प्रसी विंग द डिफिकल्ट एंड कमसम टास्क बीइंग डन बाय द ट्रायल कोर्ट स्पेशल जजेस अटेंडिंग सीबीआई ईडी मैटर्स पास्ड इनकरेजिंग रिमार्क्स फॉर सच कोर्ट्स फॉर देयर मोटिवेशन एंड इंस्पिरेशन ट्रायल कोर्ट ने ऑर्डर में बेंजामिन फ्रैंकलिन के फेमस कोर्ट को कोट करते हुए कहा है इट इज बेटर दैट 100 गिल्टी पर्सन शुड एस्केप देन एन इनोसेंट पर्सन शुड सफर और इसी प्रिंसिपल ने कोर्ट पर ड्यूटी इंपोज की है वो किसी इनोसेंट को पनिश ना होने दे तो ऑर्डर के इस स्टेटमेंट से आप समझ पा रहे होंगे कि ट्रायल कोर्ट एक्यूज पर चल रहे लॉन्ग लास्टिंग ट्रायल्स और एनी को लेकर काफी कंसर्न है सिर्फ यही नहीं ऑर्डर में लॉर्ड चीफ जस्टिस हेवट के फ्रेज को भी कोट किया गया है दैट इज जस्टिस शुड नॉट ओनली बी डन बट सीम टू बी डन जो आपको बता दें कि लीगल सिस्टम का एक इंपॉर्टेंट एस्पेक्ट है वेकेशन जज का कहना है कि समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट्स ने ट्रायल कोर्ट्स को अंडर ट्रायल्स के कॉन्स्टिट्यूशन राइट को कंसीडर करने के लिए प्रेस किया है और इसी को लेकर सारी गाइडलाइंस भी दी है ट्रायल कोर्ट ने अपने ऑर्डर में कहा है कि वो ये कंसीडर नहीं कर रहे हैं कि प्रेजेंट केस की ग्रेविटी कितनी बड़ी या छोटी है पर वो हाई कोर्ट द्वारा सेटअप की गई उन गाइडलाइंस की रेशियो को देखने के लिए ऑब्लिगेटेड है कोर्ट ने नोट करते हुए कहा है कि केजरीवाल की ईडी अरेस्ट को चैलेंज करने वाली प्ली सुप्रीम कोर्ट में ऑर्डर प्रोनाउंसमेंट के लिए पेंडिंग है और सुप्रीम कोर्ट के विचार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता इससे उनका इशारा सुप्रीम कोर्ट के 10th मई के इंटरम बेल ऑर्डर पर था जहां सुप्रीम कोर्ट ने एक पैराग्राफ में नोट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि केजरीवाल समाज के लिए कोई खतरा नहीं है आपको यह भी याद होगा कि दिल्ली चीफ मिनिस्टर के काउंसिल ने ये आर्गुमेंट दिया था कि वो एक कांस्टीट्यूशनल चेयर होल्ड करते हैं और कोर्ट को इस बात को कंसीडर करना चाहिए इसी आर्गुमेंट पर बात करते हुए ऑर्डर कहता है लद दैट इज नॉट इनकरेक्ट दैट होल्डिंग अ कॉन्स्टिट्यूशन चेयर और क्लियर एंटीसेंस मे नॉट बी द ओनली ग्राउंड फॉर बेल एज द ग्रेविटी ऑफ एलेज्ड ऑफेंस इज रिक्वायर्ड टू बी लुक्ड इन टू हाउ एवर इट हैज ऑलवेज बीन अ हेल्पफुल आर्गुमेंट फॉर एन एक्यूज एज सम टाइम्स द सोशल इकोनॉमिक स्टेटस एंड द प्रीवियस कंडक्ट ऑफ द एक्यूज्ड हैव बीन कंसीडर्ड बाय द कोर्ट इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के विचार पर भरोसा करते हुए ट्रायल कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लरिंग एक्ट के सेक्शन 45 के तहत हाई बार को मीट किया है दैट डील्स विद द ग्रांट ऑफ बेल बाय होल्डिंग द ईडी दैट वाज यट टू एस्टेब्लिश गिल्ट दरअसल ऑर्डर नोट करता है कि ईडी ने 100 करोड़ के प्रोसीड्स ऑफ क्राइम्स में से 40 करोड़ को ट्रेस आउट कर लिया है लेकिन बचे हुए 60 करोड़ को अब भी ट्रेस आउट करना बाकी है और जब कोर्ट नेने उनसे हियरिंग में पूछा था कि उन्हें इसके लिए कितना टाइम लगेगा तो ईडी ने इस बात का जवाब देने में फेल हो गई थी और यही एक और वजह है कि ट्रायल कोर्ट ने दिल्ली चीफ मिनिस्टर को बेल ग्रांट की क्योंकि जज का मानना है कि कोई टाइम क्लेरिफिकेशन नहीं है और केजरीवाल के अगेंस्ट कोई प्रॉपर एविडेंस नहीं है कोर्ट ने ऑर्डर में नोट करते हुए बताया है कि ईडी इस बात पर भी साइलेंट है कि आम आदमी पार्टी ने गो असेंबली इलेक्शंस में प्रोसीड्स ऑफ क्राइम्स को कैसे यूटिलाइज किया था आपको बता दूं कि कोर्ट ने प्रोसीक केस में थ्री इश्यूज को उठाया है द टाइमिंग ऑफ़ द अरेस्ट रिविजंस इन अप्रूवल स्टेटमेंट्स एंड वेदर मनी सीज्ड इज एक्चुअली प्रोसीड्स ऑफ़ क्राइम वेकेशन जज के ऑर्डर में स्टेट किया है देयर आर सर्टेन अनडिस्प्यूटेड फैक्ट एज स्पेसिफाइड ऑन बिहा ऑफ़ द एप्लीकेंट दैट इन द मंथ ऑफ जुलाई 2022 द मटेरियल वाज अवेलेबल विद द ईडी अगेंस्ट द एक्यूज्ड बट ही वाज कॉल्ड ओनली इन अगस्ट 2023 वहि शोज मालाफाइड ऑफ़ ईडी एंड ईडी हैज फेल्ड टू आंसर दिस ऑब्जेक्शन ऑफ द एप्लीकेंट दूसरा पहलू पर कि जो अप्रूवर के बयान से पहले केजरीवाल का जिक्र नहीं करते थे द ऑर्डर कोर्ट्स ईडी सबमिशन दैट इन्वेस्टिगेशन इज एन आर्ट एंड सम टाइम्स वन एक्यूज इज गिवन लॉलीपॉप ऑफ बेल एंड पार्डन एंड इंड्यूस्ड विद सम एश्योरेंस टू मेक देम टेल द स्टोरी बिहाइंड द फिल् इस पर कोर्ट ने कहा कि आर्गुमेंट को रोकने पर मजबूर करता है और इस टिप्पणी को स्वीकार नहीं करता कि इन्वेस्टिगेशन एक आर्ट है क्योंकि अगर ऐसा होता तो कोई भी व्यक्ति आर्टिस्टिकली सबूत इकट्ठा करके झूठे तौर पर फंसाया जा सकता है द कोर्ट सेड दैट दिस आर्गुमेंट कंस्ट्रेंट्स द कोर्ट टू ड्रॉ एन एफरेंस अगेंस्ट द इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी दैट इट इज नॉट एक्टिंग विदाउट बायस एंड में ये नोट करते हुए कि पीएमएलए के केसेस में यह भी देखा गया है कि एक्यूज के लिए बेल मिलना लगभग नामुमकिन हो जाता है इन्वेस्टिगेशन एजेंसी किसी ना किसी बहाने से अपने कारण देती रहती है जो एक्यूज को लगभग कन्विसिटी है बिना किसी उम्मीद के जेल से छूटने केयह सिचुएशन तब और भी गंभीर हो जाती है जब बाद में एक्यूज निर्दोष निकलता है और जो दर्द उसने झेला होता है उसका कोई एक्सप्लेनेशन नहीं मिलता ट्रायल कोर्ट ने दिल्ली चीफ मिनिस्टर की बेल एप्लीकेशन को अलाव कर दिया था और उन्हें 1 लाख की बेल ब फर्निश करने को बोला था ईडी के रिक्वेस्ट करने पर भी ट्रायल कोर्ट ने ऑर्डर को स्टे देने से मना कर दिया था लेकिन उसके बाद जो दिल्ली हाई कोर्ट में हुआ वोह तो सभी ने देखा यू कैन वच आवर अदर वीडियो ऑफ दिल्ली हाई कोर्ट हियरिंग हैपेंड ऑन दिस ऑर्डर और क्या दोनों पार्टीज के वकीलों ने दिल्ली हाई कोर्ट की जजेस के सामने सबमिट किया है आप वो भी उस वीडियो में सुन सकते हैं सो थैंक यू फॉर सपोर्टिंग अस एंड कीप फॉलोइंग लॉ चकरा फॉर सच न्यूज़ नमस्कार साथियों अ आज राउज एवेन्यू कोर्ट में लिकर पॉलिसी के मामले में माननीय चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल जी को बेल ग्रांट कर दी गई है रात के 8 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में बेल का ऑर्डर प्रोनाउंस किया गया अरविंद केजरीवाल जी को ₹ लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है कल सुबह जमानत की कारवाही पूरी की जाएगी और कल दोपहर बाद अरविंद केजरीवाल जी जेल से बाहर आ जाएंगे यह एक बहुत बड़ी जीत है आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की देश की तमाम वो लोगों के लिए जिनकी उम्मीद अरविंद केजरीवाल जी हैं सत्यमेव जयते
Stop! No Proper Evidence; HC Tough On ED Action
दिल्ली चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ती हुई ही नजर आ रही है
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